बीजेपी का युवा नेता वरुण गांधी ने मोदी सरकार के खिलाफ एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने बाद युवा नेता ने बैंक के निजीकरण के खिलाफ खोला मोर्चा भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने बैंकों के निजीकरण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है।
युवा नेता वरुण गांधी ने पिछले दिनों किसान के मुद्दे पर भी उन्होंने अपनी सरकार से अलग राय रखी थी और किसान के पक्ष में कई बयान दिए हैं
सोमवार को बरेली में उन्होंने कहा कि अगर बैंक का निजी करण हुआ तो 8 से 10 लाख के बीच नौकरियां जाएंगी और कहां की 40 से 45 साल के लोगों को कौन नौकरी देगा और फिर उनके बच्चों को खाना कौन खिलाएगा यह एक गंभीर प्रश्न है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीएचईएल ,एमटीएनएल, बीएसएनएल, हवाई अड्डे ,और एयरलाइन कंपनियों बेच दी जाएगी तो आम आदमी के बच्चों को कौन नौकरी देगा फिर रोजगार के लिए मारे मारे फिरेंगे देश में ऐसे भी बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ी है लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं
बैंकों के निजीकरण के खिलाफ पिछले हफ्ते बैंक कर्मचारियों ने 2 दिन की हड़ताल भी की थी यह हड़ताल से कर्मचारियों को 2 दिन का वेतन भी काट लिया गया है इस वेतन से भारत सरकार को लगभग ₹2हजार करोड का फायदा भी हुआ है। वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी की घटना के मामले में केंद्र सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए थे।