पटना बिहार में शराबबंदी को लेकर सियासतदानों द्वारा सियासत थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। सरकार में छोटा दल शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा( हम) के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जीता राम मांझी के द्वारा शराब बंदी कानून के क्रियान्वयन पर उठाए जा रहे हैं सवाल पर विपक्ष अब उन्हें आईना दिखा रहा है
राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मांझी इन प्रश्नों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधे बात क्यों नहीं करते और शराबबंदी कानून को दोबारा समीक्षा हो।
राजद के कद्दावर नेता श्याम रजक ने कहा कि उन्हें जब शराब बंदी कानून क्रियान्वयन सही नहीं लगता है तो मीडिया में बोलने के बजाय सीधे मुख्यमंत्री से बात ही क्यों नहीं करते क्योंकि मांझी पूर्व मुख्यमंत्री भी रहे हैं और नीतीश कुमार के बेहद नजदीकी भी हैं, मुख्यमंत्री जी शराबबंदी कानून पर यदा-कदा मांझी जी के राय भी लेते रहते हैं।
पूर्व मंत्री ने वेवाकी से कहा कि मांझी जी के पुत्र राज्य सरकार में मंत्री भी हैं और कहा कि राजद शराबबंदी की पक्षधर भी रही है प्रारंभ से।
श्याम रजक ने कहा कि यह तो सरकार को तय करना है कि छापामारी अधिकारियों के घर में हो या विवाह के मंडप में।
बाहर हाल मांझी शराबबंदी कानून के क्रियान्वयन पर लगातार जोरदार सवाल उठा रहे हैं मांझी ने 2 दिन पूर्व बेतिया में कहा था कि शराबबंदी ठीक है क्या इसमें दोहरी नीति अपनाई जा रही है उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि धनवान , बड़े ओहदे पर बैठे लोग रात में शराब का सेवन करते हैं ।
शराबबंदी कानून के आड़ में गरीबों, पीड़ित, दलित ,शोषित, वंचित, जो अंतिम पंक्ति में बैठे हैं उनको पकड़ पकड़ कर जेल में डाला जा रहा है। थोड़ा सा शराब सेवन करने पर उन्हें जेल के सलाखों डाला जा रहा है क्या यह न्यायोचित बात हैं?