O पुलिस अधीक्षक श्री डी श्रवण को सौंपा ज्ञापन.
O मामलें पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए एसपी श्री डी श्रवण ने आलाधिकारियों को तत्काल कार्यवाही के दिये निर्देश.
O संदिग्ध फेरीवालों का होगा अब पुलिस सत्यापन.
O बसंतपुर थाना प्रभारी श्री आशीर्वाद रहटगांवकर ने तत्काल एक्शन लेना किया शुरू, मथुरा के एक फेरीवाले से की शुरुआत.
राजनांदगाँव शहर और जिले में पिछले कुछ वर्षों से कुछ संदिग्ध लोगों के द्वारा शहर में ठेले और रिक्शे के माध्यम से घूम-घूम कर फेरी लगाकर और स्थाई रूप से भी फल, कपड़े, गर्म कपड़े, चादर, कम्बल, बर्तन, गद्दे, रजाई, गैस चूल्हे, कार्पेट, ट्रॉली बैग, सफर बैग, साड़ी, चाँवल, रेडीमेड और कटपीस जैसे जनसमान्य के दैनिक जीवन में उपयोग आने वाली वस्तुओं का खुलेआम और बेख़ौफ़ विक्रय किया जा रहा है। उपरोक्त सामान लूट या चोरी के भी हो सकते हैं, वहीं नकली और निम्न गुणवत्ता के भी होते हैं। व्यापारियों के रूप में अचानक से शहर और जिले में अनाधिकृत रूप से प्रवेश कर आये ये घुसपैठिए कौन है, न तो कोई जानता है, और न ही स्थानीय व्यक्ति इन्हें पहचानते है। इनकी भाषा और बात करने का तरीका भी यहाँ के लोगो से मेल नही खाता। यही नही इनकी भाषा भी खड़ी है और आसानी से समझ नही आती। भाषा की विविधता से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि, ये छत्तीसगढ़ के नही हैं कहीं बाहर से व्यापारी के रूप में आये हैं। ये घुसपैठिये कब से और कहाँ से आये हैं यह भी जाँच का विषय है। पुलिस विभाग, कलेक्टर और सांसद को भी पत्र लिखकर सूचित कराने के बाद भी इन पर आज पर्यन्त कोई कार्यवाही नही हो सकी है। यहाँ तक मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को भी पत्र लिखने के बावजूद भी हमारी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। कई बार उक्त व्यपारियों के वेश में रोहंगिया और बांग्लादेशी घुसपैठियों के होने की भी आशंका हमने प्रशासन के सामने कई बार जताई थी और देर सबेरे हमारा यह दावा सच भी हो सकता है। बावजूद प्रशासन कुम्भकरणीं नींद में सोता रहा है। हाल ही में शहर के रिहायशी इलाकों में 4 स्थानों पर एक के बाद एक सिलसिले वार सुने मकानों के ताले टूटे और लाखों रुपए के गहनों और नगदी की चोरी हुई है। बावजूद पुलिस उनका कोई भी सुराग ढूँढने में नाकाम रही। उक्त सभी चोरी की घटनाओं में मकान सुने थे। सब अपने किसी न किसी निजी कार्यो से एक दो दिनों के लिए घर से बाहर गए थे। चोरों ने पहले उक्त घरों की रेकी की उसके बाद चोरी की घटना को अँजाम दिया। घरों में ताले लगे हैं, घर पर कोई है अथवा नही इसकी जानकारी सिर्फ घुमन्तु लोगो को हो सकती है। ये सभी घमन्तु फेरीवाले समान बेचने के बहाने हर मोहल्ले और गली के घरों में तांका झाँकी करते हैं। रेकी के बाद चोरी की घटनाओं को बड़ी ही सफाई से अँजाम देते हैं। बीते महीने शहर के अम्बेडकर चौक और बसंतपुर क्षेत्र में क्रमशः चैन स्नेचिंग और एक महिला का सरेआम और दिन दहाड़े पर्स छीन कर रफूचक्कर हो जाने के मामलों में भी इन बाहरी संदिग्धों का हाथ हो सकता है क्योंकि स्थानीय व्यक्ति इतना बड़ा दुस्साहस नही कर सकते क्योंकि इस तरह की घटनाएँ अन्य जिलों और बाहरी राज्यों में ज्यादा होती रही है। अब यह नया मामला सामने आने लगा है।
व्यापारियों के भेष में अनाधिकृत रूप से शहर और जिले में बेख़ौफ़ होकर संदिग्ध रूप से घूमने वाले ये लोग कभी भी किसी भी समय जिले में किसी बड़ी अपराधिक घटना को अंजाम दे सकते हैं। यह दावा भी हमारे द्वारा लगातार किया जाता रहा है। आज राजनांदगाँव जिले सहित प्रदेश के अन्य जिलों में चोरी की घटनाओं के मामले में इनकी संलिप्तता का खुलासा स्वयँ पुलिस विभाग ने कई बार कर किया है। इतने बार ध्यानाकर्षण कराने के बावजूद अगर अभी भी पुलिस प्रशासन आँखे मुंदने का उपक्रम करेगा तो किसी बड़ी अपराधिक घटनाओं के घटने से शहर और जिले को कोई नही बचा सकता। शहर और जिले में बीते कुछ वर्षों से चेन स्नेचिंग, चोरी, उठाईगिरी, अपहरण, लूट और हत्या जैसी अपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। संभावना है कि इनमें से कुछ अथवा कई घटनाओं में इनका हाथ भी हो। लेकिन इन घटनाओं के पीछे इनका हाथ है अथवा नही इसकी पुष्टि तभी हो पाएगी। जब इनका पुलिस वेरिफिकेशन हो। नगर पालिका निगम, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को ज्ञापन और स्मरण पत्र (अनुस्मारक - पत्र) के माध्यम से ध्यानाकर्षण कराकर स्थिति से अवगत कराने के बाद भी आज पर्यन्त कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। जिसके चलते इन संदिग्ध घुमंतू घुसपैठियों को मौन सहमति मिल गई और इनके हौसले सातवें आसमान पर है। जिसके कारण बेधड़क होकर ये शहर में घूमते देखे जा सकते हैं। व्यापार करने के बहाने ये लोगों के घरों में ताकाझांकी करते हैं। यही नही समान बेचते समय ये लोगों यानि कि ग्राहकों से सीधे मुँह बात भी नही करते, झगड़ने के लिए उतावले रहते हैं। जिससे कहीं से भी यह नही लगता कि ये व्यापारी होंगे। क्योंकि एक व्यापारी मृदुभाषी और मर्यादित होता है, उसे अपनी साख स्थापित करनी होती है, जिसके कारण वो लोगो अथवा ग्राहकों से कभी भी बदसलूकी करने की सोचता भी नही। लेकिन इनका अड़ियल रवैय्या और झगड़ालू प्रवृत्ति इस बात की तरफ़ ईशारा करती है कि, ये व्यापारी नही है और किसी और मंशा से शहर और जिले में पनाह लिए हुए हैं। आजकल स्लीपर सेल के मामले भी बड़े बड़े शहरों और महानगरों में टेलीविजन के माध्यम से देखने और सुनने को मिल ही जाते हैं। उपरोक्त संदिग्ध घुमन्तु फेरीवाले कहीं स्लीपर सेल के लोग तो नही यह भी जाँच का विषय है। ये बांग्लादेशी घुसपैठिये या रोहनगियाँ मुसलमान भी हो सकते हैं। एक अपुष्ट खबर के अनुसार काफी बड़ी सँख्या में बांग्लादेश घुसपैठियों के पश्चिम बंगाल की सीमा पारकर कोलकाता के रास्ते प्रदेश में आने की आशंका जताई है। यही नही रोहनगियाँ मुसलमानों के भी घुसपैठ कर प्रदेश में देखे जाने की अपुष्ट खबरें पहले भी सुनने को मिली है। इन सब के मद्देनजर शहर वासियों और जिले वासियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए एक-एक संदिग्ध फेरीवालों और बाहर से बलात और अनाधिकृत रूप से शहर में व्यापारियों के भेष में घुस आए संदिग्धों पर कड़ी निगरानी और पूछताछ की ज़रूरत आज महसूस की जा रही है। हो न हो कोई न कोई सुराग।मिल जाये और बीते कुछ समय से और इसके पूर्व वर्षों में चोरी, उठाई गिरी, चैन स्नेचिंग, डकैती और हत्या की आपराधिक घटनाओं के पीछे इनका ही हाथ हों।
शहर और पूरे जिले में बेख़ौफ़ होकर घूमने वाले ये संदिग्ध फेरीवालों के बंगलादेशी घुसपैठिये होने या रोहंगिया मुसलमान होने पर पहले भी हिन्दू युवा मँच ने कई बार आशंका जताई थी। बावजूद हमारी शिकायत पर कोई कार्यवाही नही हुई। बीते दिनों सिलसिले वार चोरी की घटनाओं, चैन स्नेचिंग, लूट और हत्या जैसी वारदातों के पीछे इन्ही का हाथ हैं। कुछ महीने पहले राजनांदगाँव शहर के ही कंचन बाग चोरी की घटना के मालमे में पकड़ में आये चोरों के बंगलादेशी घुसपैठियों के होने की पुष्टि आखिरकार हो ही गई। हिन्दू युवा मँच की उक्त शिकायत पर और बार - बार ध्यानाकर्षण कराने के समय ही पुलिस प्रशासन जाग जाता और समय रहते ही पतासाजी कर लेती तो उक्त चोरी की घटना ही नही होती।
विगत मार्च महीने से फेरी वालों और घुमंतू अज्ञात लोगों के बाहरी और बंगलादेशी घुसपैठिए होने का जो हम दावा कर रहे थे। आखिरकार हमारा दावा सही साबित हुआ। अगर हिन्दू युवा मँच की तरह एक जिम्मेदार नागरिक होने की नैतिक जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन और निगम प्रशासन ने उतनी ही सजगता से दिखाई होती तो ये बाहरी घुसपैठिये शहर में इस तरह की घटना को अंजाम न दे पाते। संदिग्ध फेरी वालों की आड़ ये बंगलादेशी घुसपैठिये और रोहंगिया भी हो सकते हैं। इस विषय पर ध्यानाकर्षण कराने और उस पर आवश्यक कार्यवाही करने हिन्दू युवा मँच लगातार माँग करता रहा। लेकिन प्रशासन के कानों के जूँ तक नही रेंगी। आज हकीकत सबके सामने है। आश्चर्य की बात यह है कि, ये सभी मुसलमान हैं। संभवतः रोहंगिया मुसलमान भी हो सकते हैं अथवा बंगलादेशी घुसपैठिए मुसलमान भी हो सकते हैं। इन्होंने अपनी वास्तविक पहचान छुपाकर कर हिन्दुओ के नाम से आधार कार्ड और पेन कार्ड भी बनवा लिया है ताकि ये अपनी सही पहचान छुपा सके और कानून को गुमराह कर उसकी आँखों में धूल झोंक सके। ऐसे एक नही कई घुसपैठिए मिल जाएंगे जिन्होंने अपनी वास्तविक पहचान छुपा रखी है। राजनांदगाँव ही नही अपितु छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी इनका गिरोह सक्रिय है और चोरी, उठाईगिरी, चैन स्नेचिंग जैसी घटनाओं को लगातार अंजाम दे रहा है। पुलिस प्रशासन इस पूरे गिरोह के सदस्यों के पकड़ लिए जाने का खोखला दावा न करें। हम दावे के साथ कह रहे हैं कि, आज भी इनका पूरा गिरोह पुलिस के शिकंजे में पूरी तरह से नही आया है, और जब तक पूरा गिरोह कानून के शिकंजे में नही होगा। ऐसे वारदातें शहर,जिले तथा प्रदेश में लगातार होती ही रहेंगी। ऐसे कितने ही घुसपैठियों ने हमारे शहर में पनाह ली हुई है यह भी जाँच का विषय है। कंचन बाग स्थित घर पर चोरी की घटना को अंजाम देते हुए रँगे हाथ पकड़े गए उन चोरों का क्या हुआ ? वो कहाँ से और कैसे शहर में पहुँचे ? कितने दिनों से वो इस शहर में छुपकर रह रहे थे ? उन्होंने अपने सरगना के नाम का खुलासा किया या नही ? इन सबके पीछे किनका हाथ है ? घटना के इतने महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस प्रशासन ने अब तक यह बात स्पष्ट नही की और न ही रिपोर्ट सार्वजनिक की। जबकि पूरे जिले वासियों को प्रत्येक पहलू पर उक्त घटना की पूरी पूरी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है। पुलिस प्रशासन को कंचन भाग में घटित चोरी की घटना की रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए।
बंगलादेशी घुसपैठियों के पकड़े जाने के बाद अब तो पुलिस महकमे, जिला प्रशासन और निगम प्रशासन को नींद से जागकर हरकत में आना ही चाहिए और जितने भी फेरी वाले बर्तन, कपड़े, फल-सब्जी, होम एप्लाइंसेस, रेडीमेड कपड़े, शॉल, स्वेटर, जैकेट, कम्बल, जूते-चप्पल, कुर्सी-टेबल या अन्य कोई भी घरेलू सामान या खाद्य सामग्री बेचते हुए दिखाई दे। सर्वप्रथम पुलिस प्रशासन अपनी ड्यूटी निभाते हुए उनसे उनकी व्यक्तिगत पहचान पूछे और उनका सत्यापन करे। उनके शहर में आने और वापस जाने की तिथि, उनका आधार कार्ड, पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जमा कराए। यही नही जिस भी थाना क्षेत्र से ये आए हैं संबंधित थाना क्षेत्र से भी इनकी शिनाख्त करें, इनकी पहचान सही पाए जाने पर ही इन्हें शहर में रहने या व्यापार की अनुमति दी जाए। अन्यथा उन्हें निकाल बाहर किया जाए। अगर पुलिस अपनी ड्यूटी से मुँह मोड़ती रहेगी, और अपने कर्तव्य पालन से बचती रहेगी तो एक क्या ऐसी कई घटनाएं शहर, जिले और प्रदेश में होती रहेगी। पुलिस प्रशासन यदि इसी प्रकार अपनी जिम्मेदारियों से बचती रहेगी। तो घुसपैठ करने वालो की और घुसपैठियों की बाढ़ आ जायेगी। किसी भी संक्रमण या रोग पर तब तक ही नियंत्रण पाया जा सकता है जब तक कि उसका प्रारंभिक चरण हो। जब रोग पूरे शरीर पर घर कर लेगा, पूरे शरीर मे फैल जाएगा तब उस पर नियंत्रण करना असंभव हो जाता है। कुछ इसी प्रकार की स्थिति आज हमारे सामने हैं। अगर वक़्त रहते इन बाहरी घुसपैठियों की शिनाख्त न की गई और इन्हें निकाल बाहर न किया गया तो। स्थिति विघटनकारी और विनाशकारी होगी। बाहर से शहर में अनाधिकृत रूप से प्रवेश कर आये घुसपैठियों पर प्रतिबंध लगाने की माँग को लेकर दिनाँक 18 मार्च को ज्ञापन सौंपा गया था। कार्यवाही न होने की स्थिति में 26 मार्च को पुनः अनुस्मारक पत्र सौंप कर मामले पर स्मरण कराया गया। हिन्दू युवा मँच यही नही रुका दिनाँक 23/06/2021 को प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक को भी पत्र लिखकर मामले की गंभीरता का संज्ञान कराया गया बावजूद किसी भी जिम्मेदार अधिकारी और विभाग ने हमारी शिकायत पर कोई कार्यवाही नही की जिसका नतीजा आज राजनांदगाँव शहर, जिला और पूरा प्रदेश भुगत रहा है। अभी भी समय है पुलिस प्रशासन अगर अपनी जिम्मेदारी समझ ले और हमारी शिकायत के प्रत्येक बिन्दु पर गौर करते हुए कार्यवाही करने लगे तो उक्त अपराधिक घटनाओं को घटने से अभी भी रोका जा सकता है।
कुछ लोग हम पर क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने का बेबुनियाद आरोप भी लगा रहे हैं और हमे संविधान के मौलिक अधिकारों का पाठ पढ़ा रहे हैं। उन्हें यह ज्ञात होने चाहिए कि, नागरिकों की सुरक्षा की जब बात आये तो यह सभी गौंड हो जाते हैं। हिन्दू युवा मँच संविधान का और उनके मूल अधिकारों का सम्मान करता हैं, किन्तु एक जिम्मेदार नागरिक और एक जिम्मेदार संगठन होने के नाते हिन्दू युवा मँच की यह नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है कि, हम जिलेवासीयों की सुरक्षा का भी ख्याल रखें। उक्त किसी भी फेरीवालों और घुमतुओं ने शहर में अपने आने की न ही कोई सूचना दी है, और न ही शहर में अपने आने का वाजिब कारण बताते हुए संबंधित पुलिस थाने में अपना नाम ही दर्ज कराया है। इसके मद्देनजर उक्त बाहरी फल व्यापारियों को फल विक्रय करने की अनुमति उसी स्थिति में प्रदान की जाए, जब उक्त सभी व्यापारी पुलिस जाँच सत्यापन प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड और नोटरी युक्त एक घोषणा-पत्र पुलिस अधीक्षक कार्यालय, शहर में व्यवसाय करने नगर पालिका निगम में और राजनांदगाँव जिले में व्यवसाय करने जिला पंचायत में अपनी पहचान सुनिश्चित कराने जमा कराएँ। उक्त चारो ही वाँछित मापदंडों को पूरा करने के उपरांत ही उन्हें फल क्रय-विक्रय करने की अनुमति हो, अन्यथा उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाए। इसके साथ ही शहर के लिए नगर पालिका निगम और शहर के बाहर जिला पंचायत द्वारा इन्हें एक अनुमति प्रमाण-पत्र या परिचय-पत्र भी जारी किया जाए, इससे इनकी पहचान सुनिश्चित हो पाए। यही नही उपरोक्त प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद भी यदि कोई बाहरी राज्य का फल व्यवसायी शहर अथवा जिले में प्रवेश करता है तो सर्वप्रथम पुलिस अधीक्षक कार्यालय और नगर पालिका निगम कार्यालय में अपने आने की सूचना दे और अनुमति प्रमाण-पत्र लेंने के बाद ही शहर में कोई व्यापार करे। यह प्रक्रिया ऐसे प्रत्येक व्यक्ति पर लागू हो जो प्रदेश के न हो और बाहरी राज्य से संबंध रखते हों, भले ही ये किसी भी खाद्य पदार्थों अथवा किसी भी प्रकार की वस्तुओं को विक्रय करने का व्यवसाय करने के लिए शहर और जिले में आये हो।
छत्तीसगढ़िया लोगो की सरलता और भोलापन देखकर अब बाहरी राज्य के कई अपराधी छुपने के लिए भी छत्तीसगढ़ की पनाह लेने लगे हैं, हो सकता है इनमें से भी कोई अपराधी हो और किसी आपराधिक घटना को अंजाम देकर आया हो। यह अपराधी है या केवल एक फल व्यापारी इसकी पुष्टि तो पुलिस सत्यापन से ही सम्भव हो पाएगी। हमारे शहर, जिले और पूरे प्रदेश में बीते कुछ वर्षों में अपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। जिले सहित पूरे प्रदेश में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते कुछ वर्षों में ऐसी कई आपराधिक घटनाएं देखने और सुनने को मिली है, जिसमें अपराधियों के बाहरी राज्य का होने की पुष्टि हुई है। छत्तीसगढ़ राज्य शनैः शनैः अपराधियों के लिए पनाहगाह, छुपने की सर्वोत्तम जगह और अपराध का गढ़ बनता जा रहा है। इस पर लगाम तभी लग पाएगी जब अपराधियों और एक आम व्यापारी की पहचान की पुष्टि हो पाएगी।
बाहरी राज्य के लोगों के छत्तीसगढ़ राज्य में अपराध फैलाने और अपराध में शामिल रहने के पुख्ता प्रमाण हमारे सामने कई दुर्घटनाओं के रूप में पहले भी सामने आ चुके हैं। आनंदा रसोई और उड़ता पंजाब जो कि हाल ही की घटनाएँ हैं जो बाहरी व्यक्तियों के अपराध में संलिप्तता दर्शाती हैं। यही नही बिहार का कुख्यात अपराधी उपेन्द्र सिंह जिसने भिलाई चरोदा के पास ट्रेन को हाईजैक कर लिया था और परिचालक को अपने ईशारों पर ट्रेन चलाने मजबूर कर दिया था। मनीष सिंग जो कि रहने वाला तो लखनऊ का था किन्तु पीएमटी पेपर लीक उसने छत्तीसगढ़ में रहकर किया, इतना ही नही उसने दो-दो पीएमटी लीक करने की घटना को अँजाम दिया। पीएमटी परीक्षा में मुन्ना भाई की तर्ज पर परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा देने वाले भी उत्तर प्रदेश और बिहार से ताल्लुक रखने वालों में से थे। कर्नाटक राज्य में चंदन तस्कर करने वाले एक माफिया ने छत्तीसगढ़ प्रदेश में आकर और काफी दिनों तक रेकी करने के बाद रायपुर के एक व्यापारी पर सरेराह गोली चला दी थी। बीते कुछ महीने पहले मुम्बई के एक हाई प्रोफाईल ड्रग्स मामले के तार भी छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, भिलाई से जुड़े थे, राजनांदगाँव से भी इसके तार जुड़े होने की खबर आई थी। ऐसी एक नही हमारे सामने कई घटनाएँ हैं जो यह दर्शाती है कि, बाहरी राज्य के लोग दूसरे राज्य में आतंक का पर्याय बनते हैं और अपराध फैलाते हैं।
एक जिम्मेदार पद पर बैठें होने और राजनांदगाँव के एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक, महापौर, और आयुक्त सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक इन सभी की नैतिक जिम्मेदारी बनती थी कि, हमारी उक्त शिकायतों पर गौर करते हुए आवश्यक कार्यवाही करते हुए जिले को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करें। लेकिन इसमें वे नाकाम साबित हुए। इस पूरे मामले की गंभीरता से सुध लेंने के बजाय और हिन्दू युवा मँच द्वारा सुझाए गए बिंदुओं पर वाँछित कार्यवाही करने के बजाय प्रशासन कानों में रुई डाले बैठा रहा और उदासीन बना रहा। आज इसकी परिणीति पूरा शहर, जिला और प्रदेश भुगत रहा है, और कार्यवाही न होने से आगे भी भुगतता रहेगा। हिन्दू युवा मँच ने चेतावनी देते हुए कहा कि, हमारे द्वारा सुझाये गए उपरोक्त बिंदुओं पर अमल करते हुए यदि प्रशासन और पुलिस प्रशासन कार्यवाही नहीं करता तो हिन्दू युवा मँच नागरिकों का समर्थन हासिल कर इसके लिए उग्र आंदोलन करने से पीछे नही हटेगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक पूरा राजनांदगाँव जिला संदिग्ध घुसपैठियों से मुक्त नही हो जाता। हालांकि पुलिस अधीक्षक श्री डी श्रवण ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल अपने आलाधिकारियों को उपरोक्त कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है। बसंतपुर पुलिस थाना के थाना प्रभारी ने भी हमारी उक्त माँग को सही ठहराते हुए इस पर एक्शन लेना शुरू भी कर दिया है, इसी तारतम्य में बरसाना थाना के अंतर्गत मथुरा जिले उत्तर प्रदेश के रहने वाले कुछ संदिग्ध फेरीवाले को निशानदेही के तौर पर उनका सत्यापन शुरू भी कर दिया है और उसकी तप्तीश कर आवश्यक जानकारी जुटानी भी शुरू कर दी है। एसपी श्री डी श्रवण और बसंतपुर थाना प्रभारी की इस सक्रियता को देखकर अब हमें भरोसा है कि, हमारी शिकायत पर अमल ज़रूर होगा।
✍️ राजनांदगांव संवाददाता हेमंत वर्मा