इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मीडिया राइट्स टेंडर में पहले ही देर हो चुकी है और इसमें और समय लगना तय है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने घोषणा की थी कि अक्टूबर के अंत में दो नई आईपीएल टीमों की घोषणा के तुरंत बाद ऐसा किया जाएगा. लेकिन अब इसके लिए टेंडर अगले महीने में आने की उम्मीद है.
बीसीसीआई ने 28 सितंबर को आईपीएल के गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा था, ‘2023-2027 के लिए आईपीएल मीडिया राइट्स टेंडर दो नई आईपीएल टीमों की नियुक्ति के तुरंत बाद जारी किया जाएगा, जिसकी घोषणा 25 अक्टूबर 2021 को की जाएगी.’ अब बीसीसीआई को दो नई टीमों की घोषणा किए करीब एक महीना हो चुका है.
क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक टेंडर जारी करने में हो रही देरी के तीन महत्वपूर्ण कारण हो सकते हैं. इस मीडिया राइट्स टेंडर से बीसीसीआई को 30,000 करोड़ रुपये (4 बिलियन डॉलर से थोड़ा अधिक) मिलने की उम्मीद है.
पहला कारण 10वीं आईपीएल फ्रेंचाइजी को लेकर अनिश्चितता हो सकती है. हालांकि बीसीसीआई ने घोषणा की थी कि सीवीसी स्पोर्ट्स ने अहमदाबाद फ्रेंचाइजी जीती है, लेकिन उनकी बोली संदेह के दायरे में आ गई है जिसके कारण बीसीसीआई ने अभी तक लेटर ऑफ इंटेंट जारी नहीं किया है.
दूसरा, बीसीसीआई इस बात को लेकर निर्णय नहीं ले पाई है कि उसे ई-नीलामी के लिए जाना है या बंद बोली का विकल्प चुनना है. कुछ लोगों का तर्क है कि एक बंद बोली लगाने से उस पार्टी से बहुत अधिक राशि प्राप्त हो सकती है जो प्रापर्टी खरीदने के लिए बेताब है.
उदाहरण के लिए संजीव गोयनका का आरपीएसजी समूह, जिसने हाल ही में लखनऊ फ्रेंचाइजी जीतने के लिए किसी भी संभावित प्रतिद्वंद्वी से आगे रहने के लिए 7090 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. यह दूसरी सबसे बड़ी बोली लगाने वाली ग्रुप से 1500 करोड़ रुपये अधिक थी.
ई-नीलामी के मामले में उच्चतम बोली निकटतम प्रतियोगी की तुलना में केवल थोड़ी ही अधिक हो सकती है. हालांकि ई-बोली के अपने फायदे भी हैं, जहां कई पार्टियां हैं जो समान रूप से प्रापर्टी खरीदने के इच्छुक हैं. भारत में सभी तीन संभावित बोलीदाताओं – स्टार, सोनी-जी और जियो के एक आगामी चैनल के आपस में कड़ी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद है.
तीसरा, 4 दिसंबर को बीसीसीआई की आगामी वार्षिक आम बैठक (AGM) हो सकती है. इस बैठक के दौरान तीन नए सदस्यों को शामिल करके आईपीएल की नई संचालन परिषद का गठन किया जाएगा.