किशनगंज: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23 सितंबर दो दिवसीय सीमांचल दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान दिग्गज बीजेपी नेता पूर्णिया और किशनगंज जाएंगे। इसको लेकर बिहार बीजेपी लगातार तैयारी में जुटी हुई है। पार्टी ने शाह के ‘मिशन सीमांचल’ को सफल बनाने की जिम्मेदारी पार्टी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह को सौंपी है। ऐसा इसलिए क्योंकि गिरिराज सिंह हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के एजेंडे पर हमेशा मुखर होकर बोलते रहे हैं। यही नहीं सीमांचल के पूर्णिया-किशनगंज में अलग-अलग मुद्दों पर अकसर रिएक्ट करते रहे हैं। यही वजह है कि पार्टी ने अपनी रणनीतिक तैयारी को लेकर गिरिराज सिंह को अहम जिम्मेदारी सौंपी है।
गिरिराज सिंह का किशनगंज काली मंदिर कनेक्शन
गिरिराज सिंह साल 2016 में किशनगंज आए थे। तब उन्होंने जिले के सर्किट हाउस के पास निर्माणाधीन काली मंदिर में पूजा अर्चना की थी। इस काली मंदिर के निर्माण को लेकर तब किशनगंज में विवाद हुआ था और जिला प्रशासन ने मंदिर निर्माण पर रोक लगा दी थी। उसके बाद साल 2017 में भी केंद्रीय मंत्री ने काली मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की थी। उन्होंने उस समय यह बयान दिया था कि अगर प्रशासन की ओर से मंदिर निर्माण को रोके रखा गया तो मैं यहां मंदिर निर्माण के लिए कारसेवा शुरू कर दूंगा। उन्होंने मंदिर निर्माण रोके जाने का आदेश देने के लिए तत्कालीन किशनगंज एसडीएम मोहम्मद शफीक को पद से हटाने की मांग की थी। तब वो बिहार बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने किशनगंज आए हुए थे। उनके साथ उस पूजा में बीजेपी नेता रामकृपाल यादव और प्रेम कुमार भी शामिल हुए थे।