मध्यप्रदेश, आज भारत के नागरिकों का 70 साल का इंतजार खत्म हो गया है। नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ दिया गया है। जी हां, आज अपने 72वें जन्मदिन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को छोड़ा। इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उनके साथ मौजूद रहे। बता दें कि आज सुबह करीब 7.55 बजे नामीबिया से स्पेशल फ्लाइट 8 चीतों को भारत लेकर पहुंची थी।

पीएम मोदी ने ली तस्वीरें
बता दें कि इस रस्म को अदा करने के लिए प्रधानमंत्री के लिए 10 फीट ऊंचा प्लेटफॉर्मनुमा मंच बनाया गया था। इसी मंच के नीचे चीते थे जिन्हें पीएम मोदी ने लीवर के जरिए बॉक्स को खोलकर उन्हें छोड़ा। इसके बाद पीएम मोदी ने खुद चीतों की तस्वीरें भी ली।
वहीं नामीबिया के विशेषज्ञों के अनुसार भारत में चीतों का पुनर्व्यवस्थापन (री-अरेंजमेंट) तब माना जाएगा, जब यहां चीतों की संख्या 500 हो जाएगी। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए नामीबिया से हर साल 8-12 चीते भारत भेजे जाएंगे। इसके अलावा भारत में चीतों की वंश वृद्धि भी इसमें शामिल होगी। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के आधार पर चीतों के रहन-सहन समेत अन्य मानकों का पूरा खाका बन गया है।

8 चीतों में से तीन नर पांच मादा
बता दें कि जो 8 चीतें भारत लाए गए हैं उनमें से तीन नर चीते हैं। जिनकी उम्र 5.5 साल बताई जा रही है। दोनों नर चीता भाई हैं जो ओटजीवारोंगो के पास एक निजी रिजर्व के जंगल में रह रहे हैं। वहीं तीसरे नर चीते का जन्म 2018 में नामीबिया के एरिंडी प्राइवेट गेम रिजर्व में हुआ था। इसके अलावा पांच मादा चीते हैं। जिनमें पहली मादा चीते की उम्र दो साल है, दूसरी की उम्र साढ़े तीन साल, तीसरे की ढाई साल, चौथे की पांच साल, पांचवी मादा की उम्र पांच साल है।

1948 में आखिरी बार देखे गए थे चीते
बता दें कि भारत में आखिरी बार चीता 1948 में देखा गया था। इसी वर्ष कोरिया राजा रामनुज सिंहदेव ने तीन चीतों का शिकार किया था। इसके बाद देश चीतों को नहीं देखा गया और 1952 में भारत में चीता प्रजाति की भारत में समाप्ति मानी गई।