पटना, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा नीत राजग से नाता तोड़ कर प्रदेश में महागठबंधन की सरकार के गठन के लिये राजद के साथ हाथ मिलाने के बाद बुधवार को राजभवन में रिकॉर्ड आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

नीतीश कुमार ने आठवीं बार राजभवन में बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 21 महीने बाद यह दूसरा मौका है, जब उन्होंने सीएम पद की शपथ ली. 7 साल में नीतीश 8वीं बार सीएम बने हैं, जो बिहार के राजनीतिक इतिहास में एक रिकॉर्ड है। RJD के तेजस्वी यादव डिप्टी CM बने हैं। शपथ लेने के बाद तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के पैर छुए और सीएम ने उन्हें गले भी लगाया. कई दिनों की सियासी उठापटक के बाद बिहार में BJP और JDU गठबंधन टूट गया, जिसके बाद नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ सरकार बना रहे हैं. इस महागठबंधन में RJD, JDU, Congress और लेफ्ट दल शामिल हैं।
नीतीश कुमार के अलावा राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली, तेजस्वी को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के रूप में नामित किए जाने की संभावना है ।आज रात एक अधिसूचना जारी होने की संभावना है जिसमें उन्हें उप मुख्यमंत्री के रूप में नामित किया जाएगा।कुमार के कैबिनेट मंत्रियों को बाद में शपथ दिलाई जाएगी । इससे पहले यह तय किया जायेगा कि महागठबंधन के तीन मुख्य घटकों – राजद, जदयू एवं कांग्रेस- के कोटे के मंत्रियों पर अंतिम फैसला किया जायेगा ।
सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार के पास गृह विभाग सहित सभी महत्वपूर्ण पद बरकरार रहने की संभावना है जबकि राजद को अधिकांश वे विभाग आवंटित किये जा सकते हैं, जो पहले भाजपा के पास थे। उन्होंने कहा कि नए मंत्रिमंडल की संरचना के बारे में एक सैद्धांतिक सहमति बन गई है जिसमें कुमार की पार्टी जदयू, राजद और कांग्रेस से 35 या उससे अधिक सदस्य होने की संभावना है।राजभवन के बाहर, तथा कुमार और यादव के आवासों के बाहर जश्न का माहौल देखा गया । जदयू और राजद के सैकड़ों समर्थकों ने ढोल पीटकर, पटाखे फोड़कर और लड्डू बांटकर जश्न मनाया।राज्यपाल फागू चौहान से पद और गोपनीयता की शपथ लेने के तुरंत बाद पत्रकारों से बात करते हुए कुमार ने भाजपा के इस दावे को खारिज कर दिया कि नई सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेगी।उन्होंने अपनी पूर्व सहयोगी भाजपा के बारे में कहा कि 2015 के विधानसभा चुनाव में 243 सदस्यीय विधानसभा में राजग को 50 से कम सीटें मिली थीं।शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों के राजभवन में उपस्थित नहीं रहने के बारे में पूछे जाने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि उनके कोई निमंत्रण नहीं मिला था।उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हम बिहार के लोगों को धोखा देने के बाद स्थापित की गई सरकार के गठन को किसी भी कीमत पर देखना पसंद नहीं करेंगे ।’’उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश कुमार को सहयोगी दलों को छोड़ने की आदत है। वह राजद के प्रति भी वफादार नहीं रहेंगे और लालू प्रसाद के खराब स्वास्थ्य का फायदा उठाकर उस पार्टी को तोड़ने की कोशिश करेंगे।’’नयी सरकार के कार्यकाल पूरा नहीं करने के भाजपा के दावे को खारिज करते हुए कुमार ने कहा कि 2015 में जैसे हमलोग साथ थे, फिर हो गए और बिहार के हित में काम करेंगे ।जदयू के खिलाफ रची गयी भाजपा की कथित साजिश की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा, ‘‘2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के साथ क्या हुआ था। मैं 2020 में मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था। आप सभी साक्षी हैं कि तब से क्या हो रहा था । पार्टी के विधायक और उम्मीदवारों से पूछ लें, इस बारे में वे बता देंगे। सभी के लगातार इस बारे में बताने पर अंततः मुझे लगा कि जब सभी की इच्छा है तो उनकी इच्छा का स्वागत करते हुए फिर 2015 की तरह साथ हो गए और अब साथ मिलकर बिहार के हित के लिए काम करेंगे।’’उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया, ‘‘हमारे लोगों ने उनका समर्थन किया और उनकी ओर से जदयू को हराने की कोशिश की गयी ।’’देश में आगामी आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मेरी कोई भी दावेदारी नहीं है ।यह पूछे जाने पर कि क्या वे देश में अब विपक्षी की राजनीति को मजबूत करेंगे, ‘‘नीतीश ने कहा कि निश्चित तौर पर करेंगे । एक बार पहले भी किया था । हम चाहेंगे कि सभी लोग मिलकर पूरी तरह से मजबूत हों । कुछ लोगों को लगता है विपक्ष खत्म हो जाएगा तो हमलोग भी अब आ ही गए हैं विपक्ष में ।’’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘2014 में जो (सत्ता में) आये 2024 के आगे रह पाएंगे या नहीं वह अपना समझें।’’