पटना, राज्य के सभी जिलों में यातायात थाना खोलने की कवायद तेज हो गई है। गृह विभाग ने जमीन की तलाश शुरू कर दी है। आईजी ट्रैफिक एमआर नायक से प्रस्तावित थाना भवनों के निर्माण के लिए जमीन की उपलब्धता की जानकारी मांगी गई है। वहीं, गृह विभाग ने संबंधित जिले के डीएम और एसपी को जमीन उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति से संबंधित गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद की अध्यक्षता में हुई समीक्षात्मक बैठक में इस बाबत निर्देश दिए गए। गौरतलब हो कि सरकार का 28 नए यातायात थाना खोलने का प्रस्ताव है वहीं बिहार में 38 जिलों के अलावा दो अतिरिक्त पुलिस जिले हैं। इन 40 जिलों में से 28 में यातायात थाना कार्यरत नहीं है, केवल 12 जिले में यातायात थाने हैं। जहां थाना नहीं है उनके जिला मुख्यालयों में यातायात थाना के सृजन की कार्रवाई जारी है। गृह विभाग की ओर से पिछले दिनों हुई समीक्षात्मक बैठक में प्रस्तावित थाना भवन के निर्माण के लिए भूमि की उपलब्धता को लेकर जानकारी देने का निर्देश दिया गया। साथ ही जहां भूमि उपलब्ध नहीं है वहां के डीएम-एसपी को इसे उपलब्ध कराने का टास्क सौंपा गया। डीएसपी ट्रैफिक जिला स्तर पर वरीय अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए भूमि उपलब्ध कराने में सहयोग करेंगे।
गृह विभाग द्वारा पुलिस भवन निर्माण निगम को यातायात थाना भवन निर्माण को लेकर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। यातायात थाना की बिल्डिंग का स्वरूप क्या होगा और उसके लिए कितनी भूमि की आवश्यकता होगी इसका आकलन करते हुए प्रेजेंटेशन देने को कहा गया है।
अभी 12 जिलों में हैं 15 यातायात थाना
राज्य में अभी 15 ट्रैफिक थाना कार्यरत हैं। सबसे अधिक 3 थाना पटना में है। वहीं गया में 2 जबकि बिहारशरीफ, आरा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मुंगेर, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार व छपरा में 1-1 ट्रैफिक थाना है।
पटना व्यवहार न्यायालय के लिए गंगा किनारे पार्किंग की व्यवस्था
पटना व्यवहार न्यायालय परिसर में पार्किंग की समस्या को दूर किया जाएगा। गृह विभाग ने अदालत के समीप गंगा नदी के किनारे उपलब्ध जमीन पर पार्किंग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। पटना नगर निगम के साथ पार्किंग की व्यवस्था विकसित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। वहीं पुलिस द्वारा जब्त लावारिस वाहनों को रखने के लिए पटना में 20 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है।