कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं. इस बीच कानपुर आईआईटी(Kanpur IIT) के वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर मनिंद्र अग्रवाल (Manind Agarwal) ने दावा कर दिया है कि, महामारी की तीसरी संभावित लहर का बच्चों पर असर बेहद कम रहेगा. प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने इसके पीछे अपनी स्टडी में दो कारण बताएं हैं. पहला कारण बताते हुए प्रोफेसर अग्रवाल ने दावा किया है कि, अभी तक यह देखा गया है कि बच्चों में जो संक्रमण सामने आया है वह बहुत हल्का है. जो उनपर ज्यादा असर नहीं करता. इसके पीछे उन्होंने सीरो सर्वे (Sero Survey) के नतीजों का हवाला दिया है. उनका कहना है कि बच्चों में इम्यूनिटी (Immunity) काफी अच्छी होती है. दूसरा कारण ये बताया गया है कि, इम्यूनिटी का स्तर काफी अच्छा होता है.
आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने सितंबर महीने में कोरोना की तीसरी वेव का दावा करने वाली रिपोर्ट का भी अध्यन किया है. प्रोफेसर की माने तो उस रिपोर्ट का अध्ययन करने पर पता चलता है कि, उसमे ऐसा कुछ अलार्मिंग नहीं है जैसा कहा जा रहा है. इस रिपोर्ट में भी अनुमान लगाया गया है कि भविष्य में अगर ऐसा होता है तो कैसा होगा. उन्होंने अनुमान लगाया है कि, अगर टीकाकरण की रफ्तार शुरुआती दौर की तरह धीमी होगी तो सितंबर में कोरोना की तीसरी वेव भी आ जाएगी. उनकी रिपोर्ट में यह बात भी कही गई है कि, अगर जिस रफ्तार से टीकाकरण बढ़ाया जा रहा है, वैसा ही चलता रहा तो थर्ड वेव में सेकंड वेव के आधे कोरोना संक्रमित सामने आएंगे. इस मामले में प्रोफेसर अग्रवाल और उस रिपोर्ट का आकलन लगभग मिलता-जुलता दिखता है.