छतरपुर | बालू माफियाओं के हौसले बुलंद इतने ज्यादा है कि वह प्रशासन को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं एवं अवैध तरीके से बालू का व्यापार करने में लगे हुए हैं धरती का सीना चीरकर उसमें से लहूलुहान निकालने में लगे हुए हैं बालू माफियानौगांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत पुतरया से निकलने वाली नदी से रोजाना करीब 10 से 15 ट्रैक्टर सुबह 5:00 बजे नदी पर पहुंच जाते हैं एवं देर रात तक वालू का अवैध उत्खनन किया जाता हैराज्य शासन को भले ही लाखों रुपए का चूना लग रहा हो लेकिन खनिज विभाग के अधिकारी गहरी नींद में सो रहे हैं, एक तरफ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि किसी भी कीमत पर माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा वहीं उनके ही अधिकारी उनके ही आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं आज भी मध्य प्रदेश में कई जगह बालू का अवैध तरीके से उत्खनन किया जाता है लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी बालू माफियाओं पर कार्रवाई करते हुए नहीं दिखाई दे रहा है1 वर्ष से लगातार इस नदी से बालू का अवैध उत्खनन किया जाता है एवं जिम्मेदार अधिकारियों को सूचना भी दी जाती है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं पहुंचती ।बालू माफियाओं के हौसले इतने ज्यादा बुलंद है कि वह मध्य प्रदेश शासन के नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अपनी मनमर्जी के मुताबिक अवैध तरीके से बालू का अवैध परिवहन करते हैं एवं जिम्मेदार अधिकारी हाथ पर हाथ धरे हुए बैठे हैं , गांव के लोगों का कहना है कि आखिरकार इन बालू माफियाओं पर प्रशासन कब अपना शिकंजा कसेगा ।वही कुछ बालू माफियाओं का कहना है कि हमारा कमीशन अधिकारियों से फिक्स है इसलिए हम लोग खुलेआम बालू का व्यापार करते हैं एवं करते रहेंगे। अब सवाल खड़ा होता है कि खनिज विभाग के अधिकारी आखिरकार बालू माफियाओं पर कार्यवाही करने से क्यों कतरा रहे हैं। हाईवे रोड से करीब 100 मीटर की दूरी पर अवैध तरीके से नदी से बालू का अवैध कारोबार चलता है कई जिम्मेदार अधिकारी भी रोजाना गुजरते हैं लेकिन किसी की भी नजर इन बालू माफियाओं पर नहीं पड़ती या फिर जिम्मेदार अधिकारी इन बालू माफियाओं पर जानबूझकर कारवाही नहीं करना चाहते हैं, गांव के लोगों का कहना है कि अब देखना है कि आखिरकार कब तक प्रशासन इन बालू माफियाओं पर कार्रवाई करता है या फिर यूं ही बालू का गोरखधंधा चलता रहेगा ।।
✍️ मुकेश कुमार मिश्रा