कोरबा/पाली:- ग्राम की जागरूक युवा महिला सरपंच की सूझबूझ से एक दुधमुहे बच्चे की जान बचाई जा सकी, जिस मामले की प्रसारित खबर को कोरबा कलेक्टर ने संज्ञान में लिया और आज अपने पाली विकासखण्ड प्रवास के दौरान गौ सेवा आयोग सदस्य के साथ ग्राम में पहुँच युवा सरपंच के कार्यों की सराहना करते हुए उनका सम्मान भी किया गया।
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत डोंगानाला के आश्रित ग्राम गणेशपुर में लगभग 25 से 30 घरों के बिरहोर जनजाति परिवार निवासरत हैं। जहां निवासी सुखदेव मांझी के 5 माह के दुधमुहे पुत्र को विगत कुछेक हफ्ते से सांस लेने में परेशानी थी, लेकिन परिजन इसे अंधविश्वास से जोड़कर देख रहे थे और डाँक्टरी उपचार कराने के बजाय झाड़-फूंक से इलाज करा रहे थे। इससे बालक की तबियत बीते दिनों और भी ज्यादा बिगड़ गई। इसकी जानकारी ग्राम की युवा सरपंच पत्रिका खुरसेंगा को होने पर वह तत्काल पीड़ित बच्चे के घर पहुँची व बच्चे का हालचाल जाना तथा परिजनों को समझाइश देते हुए बीमार दुधमुहे को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाकर भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार पश्चात बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए बिलासपुर रिफर कर दिया गया। तब सरपंच द्वारा बिना समय गंवाए पीड़ित बच्चे को लेकर परिजनों के साथ बिलासपुर के एक प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ के नर्सिंग होम में भर्ती कराकर इलाज कराया। जहां आवश्यक उपचार से बच्चे की जान बचाई जा सकी। युवा महिला सरपंच की जागरुकतापूर्ण व उक्त सेवाभावी कार्य को लेकर खबर प्रसारित किया गया, जिसे जिलाधीश श्रीमती रानू साहू ने संज्ञान में लिया और आज अपने पाली विकासखण्ड प्रवास के दौरान गौ सेवा आयोग के सदस्य प्रशांत मिश्रा के साथ ग्राम डोंगानाला पहुँच सरपंच के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें शाबाशी दी और शाल, श्रीफल के साथ उनका सम्मान किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी नेतृत्व प्रधान के रूप में कार्य करते हुए ग्राम में शिक्षा, स्वास्थ्य सहित मूलभूत आवश्यकता और सुविधाओं के लिए तत्पर है, और जिसकी अनूठी मिशाल इस गांव की सरपंच है। वहीं गौ सेवा आयोग सदस्य प्रशांत मिश्रा ने भी सरपंच के कार्य की खूब सराहना करते हुए कहा कि शारिरिक मर्ज पर बिना डाँक्टरी विचार किये जादू- टोना व झाड़फूंक पर विश्वास करना अंधविश्वास है। हमारे समाज मे कई परंपराएं संरक्षित है। जिसे लेकर समाज उन रूढ़िवादी परंपराओं को संजोए और उसमें आस्था देखे, न कि अंधविश्वास। क्योंकि यदि हम सब वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विचार करें तो ये सब यह तर्कहीन और निराधार है। गांव की युवा सरपंच द्वारा जो उत्कृष्ट कार्य किया गया है वह जनजागरूकता लाने एवं सूझबूझ का परिचायक है। अशिक्षा व पिछड़ापन में जीवन व्यतीत कर रहे समाज को आज शिक्षित व जागरूक होने की महती आवश्यकता है, ताकि अंधविश्वास को मिटाकर उन्हें आगे बढ़ने और समाज के मुख्यधारा से जुड़कर गतिशील जीवन जीने का अवसर मिले। इस दौरान कलेक्टर व गौ सेवा आयोग सदस्य ने ग्राम में संचालित वनौषधि प्रसंस्करण केंद्र का निरीक्षण किया तथा हर्बल टी का आनंद लिया और इसकी संचालन समिति हरि बोल स्व सहायता समूह की महिला पदाधिकारियों की भी हौसला अफजाई की। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के आला अधिकारी भी मौजूद रहे।
✍️ब्यूरो चीफ अशोक श्रीवास की रिपोर्ट