पिछड़ों के बड़े नेता योगी सरकार में कद्दावर मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी से इंतकाम लेने पर दो-दो हाथ करने को तैयार। स्वामी प्रसाद मौर्य आज 14 जनवरी दिन शुक्रवार मकर सक्रांति के दिन समाजवादी पार्टी में अपने समर्थकों के साथ शामिल हो गए।
इसके पहले कद्दावर नेता भारतीय जनता पार्टी को छोड़ते हुए कहा था कि मैं 14 जनवरी को समाजवादी पार्टी में अपने शुभचिंतकों समर्थकों अनुयायियों के साथ शामिल हो जाऊंगा। वे बोले कि मुझे किसी बड़े नेता को फोन नहीं आया है यदि वे समय पर सजग और सतर्क होते और जनता के मुद्दे को समय पर काम किया होता तो बीजेपी का इसका सामना नहीं करना पड़ता।
पिछड़ों के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या में सपा ज्वाइन करते ही योगी सरकार के खिलाफ है मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुझे झूठे और गंभीर आरोप लगाकर बदनाम करने की साजिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के 2 पिछड़े बड़े नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और केशव प्रसाद मौर्या के नाम इस्तेमाल कर भाजपा ने भारी बहुमत से सरकार बनाई थी । उन्होंने आगे कहा कि सरकार बनाए दलित और पिछड़े मलाई खाते रहे अगडे लोग। क्या यह न्याय संगत बात है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सीएम योगी ने ने खींची बंटवारे की लाइन उन्होंने 69000 शिक्षकों की भर्ती में 19000 पदों पर समान वर्गों के लोगों की नियुक्ति पर उठाए सवाल कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के संवैधानिक आधार को छीन रही प्रदेश की योगी सरकार योगी जी ने मुख्यमंत्री के पद पर बैठकर बंटवारे की लाइन खींची यह बहुत बड़ा पिछड़ों के साथ जुर्म किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और लोहियावादियों की ही नहीं अब अंबेडकरवादियों की भी पार्टी बन गई है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से इस्तीफा देते ही बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी ताबड़तोड़ शुरू कर दी। साथ उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए स्पष्ट कर दिया कि वह बीजेपी से पूरी तरह से नाता तोड़ चुके हैं मौर्या ने ट्विटर पर लिखा था कि वह दलितों पिछड़ों किसान और बेरोजगार नौजवानों और छोटे लघु व मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षा की वजह से उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया है।