कीमत 51 लाख । सुरक्षा में तैनात रहते हैं दो गार्ड। 33 लीटर दूध देती है रोजाना।
दरअसल में आपको बताते चलें कि पंजाब के लुधियाना में एक भैंस का नाम ‘सरस्वती’ है। ‘लक्ष्मी’ की इस पर पूरी कृपा है। भैंस की कीमत 51 लाख रुपये है। लुधियाना के किसान पवित्र सिंह ने इसे हरियाणा के हिसार के किसान से 51 लाख रुपये में खरीदा। यह भैंस रोजाना 33 लीटर दूध देती है
51 लाख की सरस्वती के अलावा तीन अन्य भैंसे हैं। सरस्वती को बाकी पशुओं की तरह चारा और दाना दिया जाता है। सामान्य खुराक के बावजूद सरस्वती दूध देने के मामले में बाकी पशुओं से खास है।
किसान पवित्र ने बताया कि सरस्वती 33 लीटर से ज्यादा दूध देती है। हरियाणा की मुर्राह नस्ल की विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली सरस्वती भैंस 51 लाख रुपए में सोमवार को बिक गई। यह हिसार जिले के लितानी के किसान सुखबीर सिंह ढांडा के पास थी। भैंस सरस्वती ने 33.131 किलोग्राम दूध देकर पाकिस्तान की भैंस का रिकॉर्ड तोड़ा था। सरस्वती को लुधियाना के पवित्र सिंह ने खरीदा है। सुखबीर को सरस्वती के चोरी होने का डर था। वह उसे एक करोड़ रुपए में भी बेचने को तैयार नहीं थे।

दरअसल, सुखबीर कुछ दिन पहले सरस्वती को लेकर लुधियाना के जगरांव में डेयरी एंड एग्री एक्सपो में भाग लेने गए थे। वहां सरस्वती ने 33.131 किलो दूध देकर विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया था, जिस पर उन्हें दो लाख रुपए का इनाम देकर सम्मानित किया गया। इससे पहले सबसे अधिक दूध देने का रिकॉर्ड पाकिस्तान की भैंस के नाम था, जिसने 32.050 किलो ग्राम दूध दिया था।
एक लाख 30 हजार रुपए में खरीदा था
भैंस बेचने से पहले किसान ने समारोह का आयोजन किया, जिसमें हिसार के अलावा राजस्थान, यूपी, पंजाब के करीब 700 किसान शामिल हुए। सुखबीर सिंह ने बताया कि उन्होंने सरस्वती को एक लाख 30 हजार रुपए में करीब चार साल पहले बरवाला के खोखा गांव के किसान गोपीराम से खरीदा था। इसके बाद सरस्वती ने कई बच्चों को जन्म दिया। फिलहाल दूध और सीमेन बेचकर एक लाख रुपए से अधिक की कमाई कर रहे हैं।
सुखबीर सिंह ने सरस्वती को करीब चार साल पहले एक लाख 30 हजार रुपए में खरीदा था। –
सरस्वती ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने से पहले भी रचे कई कीर्तिमान
सुखबीर सिंह ढांडा को सरस्वती ने पहले भी गर्व का कई मौका दिया है। वह बताते हैं, ‘सरस्वती ने पिछले साल 29.31 किलो दूध देकर हिसार में फर्स्ट प्राइज जीता था। हिसार के ही सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ बफलो रिसर्च के कार्यक्रम में 28.7 किलो दूध देकर वह अव्वल रही थी। हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के आयोजन में भी 28.8 किलो मिल्क प्रॉडक्शन के साथ उसने प्रतियोगिता जीती थी।’
मनीष कुमार पांडेय की रिपोर्ट