मंदारिन ,स्पेनिश, इंग्लिश के बाद विश्व की चौथी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा हिंदी है यही नहीं 13 देशों में बोली जाती है विश्व हिंदी दिवस के माध्यम से इस भाषा को पूरी दुनिया ने प्रचारित किया जाता रहा है। प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था और तब से इस दिन को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आज 10 जनवरी को पूरे संसार में रह रहे भारतवंशी ही नहीं बल्कि हिंदी प्रेमी भी “विश्व हिंदी दिवस “मना रहे हैं। देश और दुनिया हर जगह हिंदी से संबंधित कार्यक्रम और गोष्ठियों का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। हिंदी के प्रचार-प्रसार की दिशा में हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस दोनों का विशेष अलग महत्व है।
भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को संघ की राजभाषा का दर्जा दिया था तथा इसलिए तारीख को हर वर्ष देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है तथा इस दिवस को एक संवैधानिक दर्जा भी प्राप्त है।
पूरी दुनिया में हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य विश्व में हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए जागरूकता पैदा करना तथा हिंदी को वैश्विक भाषा के रूप में प्रतिबिंबित व प्रतिष्ठित करना है।
विदेश में स्थापित भारत के राजदूत आवास इस दिन को उत्साह पूर्वक मानते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिंदी में व्याख्यान, विमर्श, कवि सम्मेलन आदि जगहों पर आयोजित किए जाते हैं।
इसका मूल उद्देश्य यह है कि विश्व में हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए जागरूकता पैदा करना हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में आदर्श स्थापित करना ।हिंदी के लिए वातावरण निर्मित करना हिंदी के प्रति अनुराग पैदा करना हिंदी की दशा दिशा के प्रति जागरूकता पैदा करना तथा हिंदी को विश्व भाषा के रूप में प्रस्तुत करना हैद।
विश्व के बड़े अर्थशास्त्री, पूर्व भारतीय बैंक के गवर्नर पूर्व भारत के वित्त मंत्री एवं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को प्रतिवर्ष” विश्व हिंदी दिवस “के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी।
उसके बाद से भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश में 10 जनवरी 2006 को पहली बार “विश्व हिंदी दिवस “मनाया था तब से यही परंपरा लगातार चली आ रही है।
हिंदी का जो वैश्विक वातावरण बनना चाहिए था वह संजोग से अभी तक इस देश में नहीं बन पाया जबकि होना यह चाहिए था कि संविधान के लागू होने के 72 वर्ष बाद भारत में हिंदी को सरकारी कामकाज के हर क्षेत्र में एक प्रभावी भाषा बन जाना चाहिए था।
लेकिन यह भी एक सच है कि पूरे दुनिया में संपर्क भाषा के रूप में हिंदी का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हो रहा है। 42 करोड लोग पूरी दुनिया में बोलते हैं हिंदी भाषा को।
हिंदी यूरोपीय भाषाओं की तरह ही बाएं से दाएं लिखी जाती है हालांकि यूरोपीय भाषाओं की तुलना में हिंदी पढ़ना बहुत आसान है क्योंकि सब ठीक वैसे ही लिखे जाते हैं जैसे उनका उच्चारण किया जाता है।
यह भी बता दें कि 30 से अधिक देशों में पड़ी और पढ़ाई जाती है हिंदी। 150 से ज्यादा शैक्षणिक
संस्थाओं में हिंदी पढ़ाई जाती है अमेरिका में ।100 विश्वविद्यालयों में हिंदी के लिए अध्यापन केंद्र खुले हुए हैं।
पूरे मुल्क हिंदुस्तान में हिंदी- 52 ,83,
बंगाली-9,72 मराठी-8,30 तेलुगु-8,11 तमिल-6,90 गुजराती-5,07 ऊर्दू -507
कन्नड-4,37।