पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गंभीर आरोप लगाए हैं ममता सरकार पर उन्होंने कहा कि कुलाधिपति की मंजूरी के बिना बंगाल के 24 विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति की
बंगाल के गवर्नर ने कहा कि नियुक्तियों को वापस नहीं लेने पर कार्रवाई की भी सख्त हिदायत दी है।
राज्यपाल ने गुरुवार को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि ममता सरकार में 24 विश्वविद्यालय में कानून की उपेक्षा कर कुलपतियों की नियुक्ति की है ।विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति की मंजूरी के बिना ऐसा किया गया है जिन्हें नियुक्तियों का प्राधिकार है।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तरह की कानूनी मंजूरी नहीं ली गई है इसलिए अगर इससे वापस नहीं लिया जाता है तो कार्रवाई करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। गवर्नर ने ट्वीट के साथ उन विश्वविद्यालय की सूची भी संलग्न की है।
सूची में अल्लीपुरदुआर विश्वविद्यालय,बांकुड विवि, विश्व बंगला विश्वविद्यालय ,वर्धमान विश्वविद्यालय ,कोलकाता विश्वविद्यालय ,दार्जिलिंग हिल्स विश्वविद्यालय, डायमंड हारवर महिला विश्वविद्यालय, गौड बंगला विश्वविद्यालय ,हरिचंद गुरुचंद विश्वविद्यालय, हिंदी विश्वविद्यालय जादवपुर विश्वविद्यालय ,झाड़ग्राम विश्वविद्यालय ,कल्याणी विश्वविद्यालय ,कन्याश्री विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय ,मौलाना अब्दुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मुर्शिदाबाद विश्वविद्यालय, प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय ,रवींद्र भारती विश्वविद्यालय ,रायगंज विश्वविद्यालय, रानी रासमणी हरित विश्वविद्यालय, संस्कृत कॉलेज एवं विश्वविद्यालय ,विद्यासागर विश्वविद्यालय, और पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय के नाम है।
राज्यपाल ने इससे पहले सरकारी विभागों में की जा रही परामर्श दाताओं की नियुक्ति पर भी सवाल उठाया था ।और बंगाल के मुख्य सचिव बीपी गोपालिका से उनकी नियुक्ति के लिए तैयार किए गए तंत्र और तौर-तरीकों का विवरण मांगा था।
महामहिम ने ट्वीट कर तृणमूल कांग्रेस सांसद गौतम राय के उस बयान का भी जवाब दिया ।जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्यपाल उन्हें हर रोज ममता बनर्जी के खिलाफ टेक्स्ट मैसेज भेज रहे हैं। जो अनैतिक है राज्यपाल ने कहा लोकतंत्र में संवाद जरूरी है आप अगर राजभवन आकर बातचीत करेंगे तो हम साथ मिलकर जनहित के काम पर कर सकेंगे ।आप ने पिछले दिनों कहा था कि राजपाल झूठ बोल रहे हैं वह काफी ठेस पहुंचाने वाला था।