निर्वाचन आयोग ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के साथ उन राज्यों की कोविड-19 स्थिति की समीक्षा की गई जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होना है।
चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय से कहा है कि वे सभी उन राज्यों में जहां चुनाव होने हैं वहां तेजी से टीकाकरण किया जाए।
सूत्रों से पता चल रहा है कि चुनाव आयोग स्वास्थ्य मंत्रालय से सारी जानकारी जुटा लेने के बाद ही चुनावों की तारीखें घोषणा कर सकता है। बाहर हाल कयास लगाए
जा रहे हैं कि चुनावों की तारीख बढ़ाया जा सकता है।
अब तक इस संबंध में कोई अधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है।
न्यूज़ के अनुसार चुनाव आयोग ने आज एनसीबी के अधिकारियों को चुनाव में मादक पदार्थों का प्रभाव नजर ना आए इसके लिए भी सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है।
आयोग ने आइटीबीपी ,बीएसएफ, और एनसीपी के शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात की और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर कड़ी निगरानी बनाए रखने की भी कहा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने देश में विशेष रुप से उत्तराखंड मणिपुर गोवा पंजाब और उत्तर प्रदेश में कोविड की स्थिति पर लगभग 1 घंटे तक निर्वाचन आयोग को जानकारी दी।
वैश्विक कातिल कोरोना वायरस वायर के ओमीक्रोन स्वरूप के प्रसार के मुद्दे पर भी चर्चा हुई चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर स्थिति का आकलन भी किया।
निर्वाचन आयोग वायरस की रोकथाम के लिए हाल के दिनों में जारी किए कोविड प्रोटोकोल और गृह मंत्रालय के दिशा निर्देश के बारे में भी जानकारी दी और जानकारी को अमल करने का भी आदेश दिया।
बताते चलें कि गोवा उत्तराखंड और मणिपुर विधानसभाओं का कार्यकाल अगले माह मार्च में समाप्त होगा जबकि देश के बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश का कार्यकाल मई में समाप्त होगा।
ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि भारत निर्वाचन आयोग अगले महीने चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है।